
AESA (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे) रडार कई छोटे ट्रांसमीटर-रिसीवर (TR) मॉड्यूल्स के समूह का उपयोग करता है। पारंपरिक यांत्रिक रूप से संचालित रडार के विपरीत, AESA रडार इलेक्ट्रॉनिक रूप से बीम को निर्देशित करता है, जिससे बिना किसी मूविंग पार्ट्स के बड़े क्षेत्रों को तेजी से स्कैन किया जा सकता है।
Table of Contents
उत्तम AESA रडार की प्रमुख विशेषताएँ
- बेहतर पहचान और ट्रैकिंग क्षमता – उत्तम AESA रडार में 980 से अधिक TR मॉड्यूल्स हैं, जिससे यह एक साथ कई लक्ष्यों को पहचान और ट्रैक कर सकता है। आधुनिक हवाई युद्ध में त्वरित प्रतिक्रिया और स्थिति जागरूकता के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- उन्नत रेंज और रिज़ॉल्यूशन – अधिक TR मॉड्यूल्स के कारण, यह रडार अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्यों को अधिक सटीकता से पहचान सकता है।
- सुपीरियर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएँ – यह रडार जटिल इलेक्ट्रॉनिक वातावरण में प्रभावी ढंग से काम कर सकता है और दुश्मन के जैमिंग सिस्टम के प्रभाव को कम करता है।
- मॉड्यूलर डिज़ाइन – इसका मॉड्यूलर आर्किटेक्चर इसे आसानी से अपग्रेड और मेंटेन करने योग्य बनाता है, जिससे यह भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बना रह सकता है।
- स्वदेशी विकास – उत्तम AESA रडार को DRDO और BEL द्वारा विकसित किया गया है, जिससे भारत की विदेशी रडारों पर निर्भरता कम होती है।

तेजस MK1A के लिए लाभ
- अधिक सुरक्षा – यह उन्नत रडार तेजस MK1A की दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को पहचानने और उन पर हमला करने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे इसकी जीवंतता (survivability) बढ़ती है।
- बेहतर स्थिति जागरूकता – पायलट को कई लक्ष्यों की वास्तविक समय में जानकारी मिलती है, जिससे युद्ध के दौरान निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
- अधिक परिचालन लचीलापन (Operational Flexibility) – इस रडार की क्षमताएँ तेजस MK1A को वायु युद्ध, हमलावर समर्थन, टोही मिशन और एंटी-शिप अभियानों के लिए उपयुक्त बनाती हैं।

तेजस MK1A में उत्तम AESA रडार का एकीकरण भारत को स्वदेशी एवियोनिक्स प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल तेजस की युद्धक प्रभावशीलता में वृद्धि होती है, बल्कि यह विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता भी कम करता है।
AESA और पारंपरिक रडार में मुख्य अंतर

1. बीम स्टीयरिंग (Beam Steering)
- AESA रडार: इलेक्ट्रॉनिक रूप से बीम को निर्देशित करता है, जिससे बिना किसी मूविंग पार्ट्स के तेजी से स्कैन और ट्रैकिंग की जा सकती है।
- पारंपरिक रडार: यांत्रिक रूप से एंटीना को घुमा कर बीम को निर्देशित करता है, जिससे स्कैनिंग प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
2. प्रतिक्रिया समय (Response Time)
- AESA रडार: त्वरित प्रतिक्रिया समय प्रदान करता है और लक्ष्य को तेजी से बदल सकता है।
- पारंपरिक रडार: यांत्रिक गति पर निर्भर होने के कारण प्रतिक्रिया समय धीमा होता है।
3. विश्वसनीयता और रखरखाव
- AESA रडार: मूविंग पार्ट्स न होने के कारण यह अधिक विश्वसनीय होता है और रखरखाव में आसानी होती है।
- पारंपरिक रडार: मूविंग पार्ट्स के कारण खराबी की संभावना अधिक होती है और बार-बार रखरखाव की आवश्यकता होती है।
4. शक्ति और दक्षता
- AESA रडार: इसमें सैकड़ों TR मॉड्यूल होते हैं जो स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं, जिससे यह अधिक कुशल और शक्तिशाली होता है।
- पारंपरिक रडार: एकल ट्रांसमीटर और रिसीवर पर निर्भर होने के कारण कम कुशल होता है।
5. लक्ष्य पहचान
- AESA रडार: एक साथ कई लक्ष्यों को उच्च सटीकता के साथ ट्रैक कर सकता है और एक साथ कई कार्य कर सकता है।
- पारंपरिक रडार: आमतौर पर एक समय में केवल एक लक्ष्य या कार्य पर केंद्रित होता है।
6. स्टेल्थ और सुरक्षा
- AESA रडार: इसकी फ़्रीक्वेंसी एगिलिटी और लो प्रॉबेबिलिटी ऑफ़ इंटरसेप्ट (LPI) क्षमता इसे दुश्मन द्वारा डिटेक्ट और जैम करने में कठिन बनाती है।
- पारंपरिक रडार: इसकी निश्चित बीम पैटर्न के कारण यह दुश्मन के जैमिंग और इंटरसेप्शन के प्रति अधिक संवेदनशील होता है।

AESA रडार का सैन्य रणनीतियों पर प्रभाव
- बेहतर स्थिति जागरूकता (Situational Awareness)
AESA रडार उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा प्रदान करता है, जिससे सैन्य बल तेजी से निर्णय ले सकते हैं और युद्ध के दौरान अधिक प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। - बेहतर लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग
AESA रडार की लंबी दूरी की पहचान क्षमता शत्रु के विमानों और मिसाइलों का शीघ्र पता लगाने में मदद करती है, जिससे प्रभावी रक्षा योजना बनाई जा सकती है। - अधिक सुरक्षा और जैमिंग प्रतिरोध
इसकी उन्नत जैमिंग-प्रतिरोधी क्षमता सैन्य विमानों और प्रणालियों की सुरक्षा को बढ़ाती है, जिससे शत्रु के इलेक्ट्रॉनिक हमलों का प्रभाव कम होता है। - बहुउद्देश्यीय परिचालन क्षमताएँ
AESA रडार से लैस विमान हवाई युद्ध, जमीनी हमले, टोही और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे विभिन्न मिशनों को प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकते हैं। - नेटवर्क-केंद्रित युद्ध (Network-Centric Warfare)
AESA रडार विभिन्न प्लेटफार्मों और सैन्य इकाइयों के बीच डेटा साझा करने की क्षमता रखता है, जिससे समन्वय और परिचालन दक्षता में सुधार होता है। - रणनीतिक प्रतिरोध (Strategic Deterrence)
AESA रडार की उन्नत क्षमताएँ किसी राष्ट्र की सैन्य शक्ति को दर्शाती हैं, जो शत्रु को किसी भी आक्रामक कार्रवाई से रोकने में मदद कर सकती हैं।
निष्कर्ष
AESA रडार पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में कई तकनीकी लाभ प्रदान करता है, जैसे कि तेजी से लक्ष्य ट्रैकिंग, उच्च सटीकता, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रतिरोध और बहुउद्देश्यीय क्षमताएँ। तेजस MK1A में उत्तम AESA रडार का एकीकरण भारत की आत्मनिर्भर रक्षा तकनीकों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे देश की वायु शक्ति और रणनीतिक स्थिति को मजबूती मिलती है।
