
भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए TEJAS MK2 एक बहुप्रतीक्षित स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जो हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस MK1 की सफलता पर आधारित है। यह विमान भारत की रक्षा क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस ब्लॉग में हम तेजस MK2 के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जिसमें इसकी विशेषताएं, तकनीक, विकास प्रक्रिया और भारतीय सैन्य बलों के लिए इसके महत्व को शामिल किया गया है।
TEJAS MK2 का विकास और पृष्ठभूमि
TEJAS MK2 का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जा रहा है। यह तेजस MK1 का उन्नत संस्करण है, जिसे मीडियम वेट फाइटर (MWF) के रूप में भी जाना जाता है।
तेजस MK1 की सीमाएँ और MK2 की आवश्यकता
- तेजस MK1 एक हल्का लड़ाकू विमान है, जिसमें सीमित पेलोड क्षमता और रेंज है।
- इसमें कम इंजन थ्रस्ट (GE-404 इंजन) होने के कारण यह भारी हथियार नहीं ले जा सकता।
- MK2 को इन सीमाओं को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें अधिक शक्तिशाली इंजन, बेहतर एवियोनिक्स और बढ़ी हुई हथियार क्षमता शामिल है।

TEJAS MK2 की मुख्य विशेषताएँ
1. डिज़ाइन और एरोडायनामिक्स
- आकार और संरचना: MK2, MK1 से बड़ा और भारी है, जिसकी लंबाई 14.6 मीटर और पंखों का फैलाव 8.5 मीटर है।
- कैनार्ड डिज़ाइन: इसमें कैनार्ड विंग्स (अगले छोटे पंख) जोड़े गए हैं, जिससे मैन्युवरेबिलिटी और स्थिरता बढ़ गई है।
- स्टील्थ फीचर्स: रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) को कम करने के लिए कम दृश्यता तकनीक (Stealth) का उपयोग किया गया है।
2. इंजन और प्रदर्शन
- इंजन: TEJAS MK2 में जनरल इलेक्ट्रिक (GE) का F414-INS6 इंजन लगाया जाएगा, जो 98 kN थ्रस्ट उत्पन्न करता है (MK1 के GE-404 इंजन की तुलना में 20% अधिक शक्तिशाली)।
- सुपरक्रूज क्षमता: यह बिना ऑफ्टरबर्नर के सुपरसोनिक गति (1.6 मैक+) से उड़ान भर सकता है।
- रेंज और फ्यूल क्षमता: 3,500 किमी की अधिकतम रेंज (MK1 से 40% अधिक) और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग सुविधा।
3. एवियोनिक्स और सेंसर्स
- एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार: Uttam AESA रडार (DRDO द्वारा विकसित) जो 200 किमी तक के लक्ष्यों का पता लगा सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम: तरंग (TARANG) रडार वार्निंग रिसीवर और मायथ्री (MAW) मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम।
- इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST): रडार के बिना भी दुश्मन के विमानों का पता लगाने की क्षमता।
4. हथियार प्रणाली
- हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल:
- अस्त्र MK2 (100 किमी रेंज)
- एमआरएएम (मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल)
- पायथन-5 और डर्बी मिसाइलें
- हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल:
- ब्रह्मोस-एनजी (290 किमी रेंज)
- निर्भय क्रूज मिसाइल
- स्पाइस बम और गाइडेड मूनिशन किट
- गन: 23 मिमी GSh-23 ट्विन-बैरेल्ड गन
5. कॉकपिट और पायलट इंटरफेस
- डिजिटल ग्लास कॉकपिट: मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (MFD) और हेड-अप डिस्प्ले (HUD)।
- हेल्मेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD): पायलट को लक्ष्य पर नजर रखने में मदद करता है।
- स्पीच रिकग्निशन सिस्टम: पायलट आवाज के माध्यम से कमांड दे सकता है।

TEJAS MK2 vs अन्य लड़ाकू विमान
विशेषता | TEJAS MK2 | TEJAS MK1A | RAFALE | SU-30 MKI |
---|---|---|---|---|
इंजन | GE F414-INS6 | GE F404 | Snecma M88 | AL-31FP |
थ्रस्ट | 98 kN | 84 kN | 75 kN | 122 kN |
रेंज | 3,500 किमी | 2,000 किमी | 3,700 किमी | 3,000 किमी |
AESA रडार | हाँ (Uttam) | हाँ | हाँ (RBE2) | नहीं (PESA) |
सुपरक्रूज | हाँ | नहीं | हाँ | नहीं |
भारतीय वायुसेना के लिए महत्व
- आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat): तेजस MK2 75% स्वदेशीकरण के साथ बनाया जा रहा है, जो रक्षा आयात पर निर्भरता को कम करेगा।
- मिग-21 और मिग-29 का प्रतिस्थापन: यह भारतीय वायुसेना के पुराने विमानों को बदलने में मदद करेगा।
- राफेल के साथ तालमेल: तेजस MK2, राफेल के साथ मिलकर IAF को 4.5 जनरेशन फाइटर क्षमता प्रदान करेगा।
तेजस MK2 का भविष्य और निर्यात संभावनाएँ
- पहली उड़ान: 2025 (अनुमानित)
- वायुसेना में शामिल होने की तिथि: 2027-28
- निर्यात: भारत मलेशिया, अर्जेंटीना, मिस्र और वियतनाम जैसे देशों को तेजस MK2 निर्यात करने की योजना बना रहा है।
निष्कर्ष
TEJAS MK2 भारतीय रक्षा उद्योग की एक बड़ी उपलब्धि है, जो देश को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत लड़ाकू विमान निर्माता के रूप में स्थापित करेगा। यह न केवल भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्यों को भी पूरा करेगा।
जय हिन्द! जय भारतीय सेना!