
Tejas MK1A स्वदेशी HAL तेजस का एक उन्नत संस्करण है, जो भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक हल्का, बहु-भूमिका लड़ाकू विमान है। यह मूल तेजस MK1 की तुलना में एक महत्वपूर्ण विमान है और यह भारतीय वायु सेना (IAF) की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तेजस MK1A में उन्नत एवियोनिक्स, बेहतर हथियार प्रणालियाँ और श्रेष्ठ परिचालन क्षमताएँ हैं, जो इसे आधुनिक हवाई युद्ध में एक प्रभावशाली संपत्ति बनाती हैं।
तेजस लड़ाकू विमान के तीन उत्पादन संस्करण हैं: मार्क 1, मार्क 1A और एक ट्रेनर/हल्का हमला संस्करण। भारतीय वायु सेना (IAF) ने पहले ही 123 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया है और 97 और खरीदने की योजना बना रही है। कुल मिलाकर, वायु सेना सभी संस्करणों में कम से कम 324 तेजस विमान हासिल करने की योजना बना रही है, जिसमें वर्तमान में विकसित किया जा रहा अधिक उन्नत और भारी तेजस मार्क 2 भी शामिल है।
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Tejas MK1A का महत्व
तेजस MK1A भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विदेशी विमानों पर निर्भरता को कम करता है और स्वदेशी एयरोस्पेस क्षमताओं को बढ़ाता है। इस संस्करण को तेजस MK1 की कमियाँ को दूर करने और नई तकनीकों को शामिल करने के लिए विकसित किया गया है।
तेजस MK1A में निम्नलिखित प्रमुख सुधार शामिल हैं:
- उन्नत एवियोनिक्स: इसमें एक आधुनिक उत्तम सक्रिय इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार है, AESA (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे) रडार एक उन्नत रडार प्रणाली है, जो एकल एंटीना के बजाय कई छोटे ट्रांसमिट-रिसीव मॉड्यूल का उपयोग करता है। यह बेहतर लक्ष्य पहचान, ट्रैकिंग और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएँ प्रदान करता है। AESA रडार तेज स्कैनिंग, जैमिंग के खिलाफ अधिक सुरक्षा और एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने की क्षमता देता है, जिससे यह तेजस MK1A जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों के लिए बेहद आवश्यक है।

- बेहतर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली: एक नई सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर (SPJ) और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (EW) क्षमताएँ हवाई सुरक्षा को बढ़ाती हैं।
- बेहतर हथियार पैकेज: यह विमान विस्तृत रेंज की वायु-से-वायु और वायु-से-भूमि मिसाइलों जैसे अस्त्र BVR मिसाइल और सटीक-निर्देशित बमों के साथ संगत है।
- रखरखाव में आसानी: MK1A में ऐसे संशोधन किए गए हैं जो रखरखाव को सरल बनाते हैं और परिचालन तत्परता को बढ़ाते हैं।
- मिड-एयर रिफ्यूलिंग क्षमता: यह इसकी उड़ान सीमा को बढ़ाकर इसे लंबे मिशनों के लिए अधिक उपयुक्त बनाता है।
Tejas MK1A के फायदे

- स्वदेशी विकास: यह पूरी तरह से भारत में विकसित और निर्मित है, जो देश की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देता है।
- श्रेष्ठ गतिशीलता: इसके डेल्टा-विंग डिज़ाइन और उन्नत फ्लाई-बाय-वायर प्रणाली के कारण यह उच्च कुशलता प्रदान करता है।
- हल्का लेकिन शक्तिशाली: उन्नत कंपोजिट सामग्री के उपयोग के कारण यह हल्का होने के बावजूद उच्च थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात प्रदान करता है।
- कम लागत: आयातित लड़ाकू विमानों की तुलना में यह अधिक किफायती है।
- रणनीतिक शक्ति: आधुनिक क्षमताओं के साथ, यह भारत की हवाई सुरक्षा और क्षेत्रीय शक्ति को मजबूत करता है।

इतिहास और विकास
तेजस कार्यक्रम 1980 के दशक में शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य पुराने MiG-21 लड़ाकू विमानों को बदलना था। पहला तेजस MK1 2016 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया, और 45 स्क्वाड्रन “फ्लाइंग डैगर्स” इसकी पहली इकाई बनी।

भारतीय वायु सेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, HAL और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने MK1A संस्करण पर काम किया। भारत सरकार ने 2021 में 83 Tejas MK1A जेट विमानों का ऑर्डर दिया, जो स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसकी पहली डिलीवरी 2025 में होने की उम्मीद है।
भविष्य की संभावनाएँ
Tejas MK1A, अधिक उन्नत संस्करणों जैसे तेजस MK2 और उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के लिए आधार तैयार करता है। निरंतर उन्नयन और बढ़ती स्वदेशी सामग्री के साथ, भारत वैश्विक लड़ाकू विमान बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है।
निष्कर्ष
Tejas MK1A भारत की रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह आधुनिक तकनीक, परिचालन लचीलेपन और लागत प्रभावशीलता का एक संयोजन प्रदान करता है, जो इसे भारतीय वायु सेना के लिए एक मूल्यवान जोड़ बनाता है। जैसे-जैसे भारत अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता जा रहा है, तेजस MK1A देश की बढ़ती एयरोस्पेस विशेषज्ञता और रणनीतिक स्वायत्तता का प्रतीक बना रहेगा।
