
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें हैदराबाद में तैनात इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी मनीष रंजन भी शामिल हैं। बिहार के मूल निवासी रंजन अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने “मिनी स्विट्ज़रलैंड” कही जाने वाली बैसारन घाटी में थे, जब आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं।
परिवार की आंखों के सामने हुई मौत
रिपोर्ट्स के अनुसार, मनीष रंजन अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) पर कश्मीर घूमने आए थे। आईबी के मंत्रालयीय विभाग में हैदराबाद पोस्टिंग के दौरान उन्होंने परिवार के साथ समय बिताने का यह मौका चुना था। लेकिन बैसारन की सुंदर वादियां उनकी जिंदगी का आखिरी पड़ाव बन गईं। आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाते हुए रंजन को उनके परिवार की मौजूदगी में गोली मार दी।
राजनीतिक नेताओं ने जताया गुस्सा और शोक
इस घटना पर देशभर के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी:
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हमले को “डरपोक कार्रवाई” बताते हुए कहा, “यह हमला भारत की एकता को नहीं डिगा सकता। शहीद के परिवार के प्रति संवेदनाएं। केंद्र सरकार आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।”
- आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “निर्दोषों की हत्या पूरी मानवता के खिलाफ है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
- उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने ट्वीट कर शोक जताया: “पहलगाम की इस त्रासदी ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।”

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, जांच जारी
यह हमला कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि आतंकियों का ग्रुप पाकिस्तान से संचालित हो सकता है। हाई-लेवल की जांच शुरू की गई है और घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
देश ने खोया एक वीर सपूत
मनीष रंजन की शहादत ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी है। आईबी में उनके सहयोगियों ने उन्हें “निडर और कर्तव्यनिष्ठ” बताया। सोशल मीडिया पर #SaluteManishRanjan ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग उनके परिवार के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं।