
F-89 Scorpion, नॉर्थ्रॉप कॉर्पोरेशन द्वारा निर्मित एक दो-सीट वाला जेट इंटरसेप्टर था, जिसे 1950 के दशक में अमेरिकी वायु सेना (USAF) के लिए विकसित किया गया था। यह विमान शीतयुद्ध के दौरान सोवियत बमवर्षकों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया था और अमेरिकी वायु रक्षा प्रणाली का एक प्रमुख अंग बना।
विकास और डिज़ाइन
- निर्माता: नॉर्थ्रॉप कॉर्पोरेशन।
- पहली उड़ान: अगस्त 1948।
- संरचना: दो इंजन (एलिसन J35 टर्बोजेट), स्वेप्ट विंग्स, और 17.4 मीटर लंबाई। यह 16,000 किलोग्राम वजन के साथ 1,000 किमी/घंटा की गति तक पहुँच सकता था।
- चालक दल: पायलट और रडार ऑपरेटर, जो रात्रि और खराब मौसम में भी लक्ष्य ढूंढने में सक्षम थे।
आयुध प्रणाली
F-89 ने समय के साथ हथियारों में बड़े बदलाव देखे:
- F-89A/B: 6× 20 मिमी तोपें।
- F-89D (1951): 104× 70 मिमी “माइटी माउस” अनगाइडेड रॉकेट्स (विंग-माउंटेड पॉड्स)।
- F-89H (1956): 6× AIM-4 फाल्कन मिसाइलें + 42 रॉकेट्स।
- F-89J (1957): AIR-2 जीनी परमाणु रॉकेट (1.5 किलोटन क्षमता) ले जाने में सक्षम, जो बमवर्षकों के बड़े समूहों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया।
F-89 Scorpion की रॉकेट और परमाणु बम फायर करने की क्षमता इसे अपनी पीढ़ी का एक अनूठा जेट इंटरसेप्टर बनाती है।
रॉकेट फायरिंग क्षमता
F-89 ने विभिन्न संस्करणों में अपनी रॉकेट फायरिंग क्षमताओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए:
- F-89A/B: प्रारंभिक मॉडल में 6× 20 मिमी तोपें शामिल थीं, जो इसकी मुख्य आयुध प्रणाली थीं।
- F-89D (1951): इस मॉडल ने 104× 70 मिमी “माइटी माउस” अनगाइडेड रॉकेट्स को शामिल किया। ये रॉकेट विंग-माउंटेड पॉड्स में लगाए गए थे और ज़मीनी लक्ष्य के खिलाफ प्रभावी थे।
- F-89H (1956): इस संस्करण में 6× AIM-4 फाल्कन मिसाइलों के साथ-साथ 42 रॉकेट्स की क्षमता थी, जिससे इसे एक शक्तिशाली आक्रमण करने वाला प्लेटफ़ॉर्म बनाया गया।

परमाणु बम फायरिंग क्षमता
F-89 Scorpion का सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसका F-89J (1957) संस्करण था, जो AIR-2 जीनी परमाणु रॉकेट ले जाने में सक्षम था। यह रॉकेट 1.5 किलोटन क्षमता का था और इसे बमवर्षकों के बड़े समूहों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसकी परमाणु क्षमता ने इसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण बना दिया, क्योंकि इसमें रणनीतिक रक्षा के लिए एक नया आयाम जोड़ा गया था।
F-89 Scorpion की रॉकेट और परमाणु हमले की क्षमताएँ उसे न केवल एक इंटरसेप्टर बनाने में सहायक थीं, बल्कि यह शीतयुद्ध के दौरान अमेरिकी वायु रक्षा रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी रही। यह विमान पारंपरिक युद्ध की सीमाओं से आगे बढ़कर, परमाणु क्षमताओं के साथ एक अच्छी तरह से सुसज्जित लड़ाकू प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता था।
ऑपरेशनल इतिहास
- तैनाती: 1950 के दशक में USAF के एयर डिफेंस कमांड (ADC) में शामिल। मुख्यतः अलास्का और उत्तरी अमेरिका में तैनात।
- मिशन: रडार-निर्देशित अवरोधन, जमीन-आधारित नियंत्रण प्रणाली (सैज) के साथ समन्वय।
- चुनौतियाँ: रॉकेट सिस्टम की सटीकता की सीमाएँ और कुछ दुर्घटनाएँ (जैसे 1956 में F-89D का मोंट्रियल में विमान-पुलिस गाड़ी से टकराव)।
- सेवाकाल: 1950 से 1969 तक, जिसके बाद इसे F-101 वूडू और F-106 डेल्टा डार्ट जैसे अधिक उन्नत इंटरसेप्टर्स द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।
प्रमुख संस्करण
- F-89D: रॉकेट-आधारित मुख्य संस्करण।
- F-89H: फाल्कन मिसाइलों के साथ उन्नत।
- F-89J: परमाणु रॉकेट ले जाने वाला अंतिम संस्करण।
विरासत
F-89 Scorpion ने शीतयुद्ध के शुरुआती दौर में अमेरिकी वायु रक्षा की रीढ़ के रूप में काम किया। यह पारंपरिक तोपों से मिसाइल-आधारित युग में संक्रमण का प्रतीक था और इसने परमाणु हवाई रक्षा की अवधारणा को साकार किया। हालाँकि इसकी सीमाएँ थीं, लेकिन इसने उत्तरवर्ती इंटरसेप्टर्स के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
निष्कर्ष
F-89 Scorpion एक ऐतिहासिक विमान था जिसने शीतयुद्ध की रणनीति को आकार दिया। इसकी तकनीकी नवीनता और परमाणु क्षमता ने इसे अमेरिकी वायुसेना के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया।