रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के साथ मिलकर एक उन्नत हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है, जिसे ABHED (एडवांस्ड बैलिस्टिक्स फॉर हाई एनर्जी डिफीट) नाम दिया गया है। यह जैकेट IIT दिल्ली में DRDO इंडस्ट्री-एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DIA-CoE) के सहयोग से तैयार की गई है।
जैकेट की विशेषताएँ
- सामग्री और निर्माण
- जैकेट में पॉलिमर और स्वदेशी बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक सामग्री का उपयोग किया गया है।
- इसका डिज़ाइन उन्नत तकनीकों, उच्च तनाव पर सामग्री के परीक्षण, और सटीक मॉडलिंग व सिमुलेशन के आधार पर तैयार किया गया है।
- हल्का और मजबूत
- यह जैकेट भारतीय सेना की मानकों (GSQR) के तहत उच्चतम खतरे के स्तर को संभालने में सक्षम है।
- वजन:
- BIS लेवल-III के लिए: 8.2 किलोग्राम
- BIS लेवल-IV के लिए: 9.5 किलोग्राम
- जैकेट का डिज़ाइन मॉड्यूलर है और यह 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करती है।
- कठोर परीक्षण और प्रमाणन
- जैकेट में लगे आर्मर प्लेट्स ने सभी अनुसंधान और विकास परीक्षणों को सफलतापूर्वक पास किया है।
- इसे भारतीय सेना की जरूरतों के अनुसार डिजाइन और टेस्ट किया गया है।

तकनीक का उद्योगों को हस्तांतरण
- DRDO ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (ToT) के लिए कई भारतीय उद्योगों को चुना है।
- शुरुआत में तीन भारतीय उद्योगों को यह तकनीक सौंपी जाएगी और DRDO की मदद से इसे व्यावसायिक उत्पादन में लाया जाएगा।
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सराहना और भविष्य की दिशा
DRDO के अध्यक्ष और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने DIA-CoE को इस उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह जैकेट DRDO, अकादमिक संस्थानों और उद्योग के बीच सफल सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है।
DIA-CoE की भूमिका
- यह केंद्र 2022 में IIT दिल्ली के जॉइंट एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर को संशोधित कर बनाया गया था।
- इसका उद्देश्य DRDO वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और उद्योग के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना है।
- यह उन्नत तकनीकों पर कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ा रहा है।
इस नई तकनीक से न केवल भारत के सैनिकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी, बल्कि यह स्वदेशी रक्षा निर्माण को भी बढ़ावा देगी।