
21वीं सदी में युद्ध के मायने बदल गए हैं। अब युद्ध सिर्फ सीमाओं पर बंदूकों और टैंकों से नहीं लड़ा जाता, बल्कि एक नया और खतरनाक मोर्चा खुल चुका है – साइबरस्पेस। साइबर वॉरफेयर यानी अदृश्य युद्ध, जहां दुश्मन का चेहरा नहीं दिखता, लेकिन उसकी मार कहीं ज्यादा विनाशकारी हो सकती है। आज दुनिया के ताकतवर देश साइबर हमलों को अपनी रणनीति का हिस्सा बना रहे हैं, और यह खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
साइबर वॉरफेयर क्या है?
साइबर वॉरफेयर का मतलब है कंप्यूटर नेटवर्क और डिजिटल सिस्टम के जरिए किसी देश, संगठन या व्यक्ति पर हमला करना। इसमें हैकिंग, डेटा चोरी, मैलवेयर अटैक, रैंसमवेयर और नेटवर्क को नष्ट करने जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। साइबर युद्ध का मकसद दुश्मन की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा प्रणाली और संचार तंत्र को नुकसान पहुंचाना होता है।
साइबर वॉरफेयर के प्रमुख उदाहरण
1. स्टक्सनेट वायरस (2010)
यह दुनिया का पहला साइबर वेपन माना जाता है, जिसने ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाया। इस वायरस ने सेंट्रीफ्यूज को नष्ट कर दिया और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पीछे धकेल दिया। माना जाता है कि यह अमेरिका और इजरायल की संयुक्त कोशिश थी।
2. रूस-यूक्रेन साइबर युद्ध (2022)
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान साइबर हमले भी जारी रहे। यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट्स, बैंकिंग सिस्टम और बिजली ग्रिड को निशाना बनाया गया। रूस ने डिजिटल युद्ध के जरिए यूक्रेन को कमजोर करने की कोशिश की।
3. भारत पर साइबर हमले
भारत भी साइबर हमलों का शिकार होता रहा है। चीन और पाकिस्तान से जुड़े हैकर्स ने भारतीय बैंकों, अस्पतालों और सरकारी संस्थानों पर हमले किए हैं। 2020 में, AIIMS दिल्ली का सर्वर हैक हो गया, जिससे मरीजों का डेटा खतरे में पड़ गया।

साइबर वॉरफेयर के प्रकार
1. एस्पायनाज (जासूसी)
इसमें दुश्मन देश के गोपनीय डेटा को चुराने की कोशिश करता है, जैसे रक्षा योजनाएं, नीतियां या तकनीकी रहस्य।
2. सबोटाज (तोड़फोड़)
किसी देश की महत्वपूर्ण प्रणालियों को नष्ट करना, जैसे बिजली ग्रिड, ट्रैफिक सिस्टम या बैंकिंग नेटवर्क।
3. प्रोपेगेंडा वॉर
सोशल मीडिया के जरिए झूठी खबरें फैलाकर लोगों को भ्रमित करना और अशांति पैदा करना।
4. डिजिटल आतंकवाद
आतंकी संगठनों द्वारा साइबर हमले करके डर फैलाना।
साइबर सुरक्षा: भारत की तैयारियां
भारत साइबर हमलों के खिलाफ मजबूत रणनीति बना रहा है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति और भारतीय साइबर कमांड जैसे कदम उठाए गए हैं। सरकार CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) के जरिए साइबर खतरों से निपट रही है।
नागरिकों की सुरक्षा के लिए टिप्स
- मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- अनजान लिंक्स और ईमेल्स पर क्लिक न करें।
- नियमित सॉफ्टवेयर अपडेट करते रहें।
- साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाएं।
निष्कर्ष
साइबर वॉरफेयर आज की दुनिया का सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। यह एक ऐसा युद्ध है जो बिना गोली चलाए देशों की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को ध्वस्त कर सकता है। भारत को इस अदृश्य युद्ध के लिए तकनीकी रूप से सशक्त बनना होगा। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह साइबर सुरक्षा के प्रति सजग रहे, क्योंकि आज की लड़ाई सिर्फ सीमा पर नहीं, बल्कि हमारे कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर भी लड़ी जा रही है।