
एयरो इंडिया 2025 के ग्लोबल मंच पर भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) ने अपने स्वदेशी कावेरी(Kaveri) डेरिवेटिव इंजन का शानदार प्रदर्शन किया। यह इंजन, जो एक नॉन-आफ्टरबर्निंग वेरिएंट है, 48 kN थ्रस्ट उत्पन्न करता है और भारत के महत्वाकांक्षी स्वदेशी स्टील्थ ड्रोन घाटक UCAV (Unmanned Combat Aerial Vehicle) के लिए एक आदर्श शक्ति स्रोत माना जा रहा है।
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घाटक UCAV: भारत की रक्षा क्षमताओं का नया आयाम
घाटक UCAV भारत का एक अत्याधुनिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। यह ड्रोन न केवल भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि यह दुश्मनों के लिए एक चुनौती भी साबित होगा। कावेरी डेरिवेटिव इंजन इस ड्रोन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है, क्योंकि यह उच्च प्रदर्शन, ईंधन दक्षता और विश्वसनीयता प्रदान करता है। इस इंजन का विकास भारत की एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

गोदरेज एयरोस्पेस: स्वदेशी तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक
इस इंजन का निर्माण गोदरेज एयरोस्पेस द्वारा किया गया है, जो भारत की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनियों में से एक है। गोदरेज एयरोस्पेस ने इंजन के डिजाइन, विकास और निर्माण में अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हुए उच्च गुणवत्ता और तकनीकी उत्कृष्टता सुनिश्चित की है। यह परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ पहल को एक नई गति प्रदान करती है और भारत को वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करती है।
रूस में फ्लाइट ट्रायल्स: अगले चरण की तैयारी
कावेरी(Kaveri) डेरिवेटिव इंजन का फरवरी 2025 में रूस में फ्लाइट ट्रायल्स होने वाला है। यह परीक्षण एक IL-76 विमान पर किया जाएगा और इसमें 70 घंटे की गहन टेस्टिंग शामिल होगी। इससे पहले, इंजन ने 140 से अधिक घंटों का ग्राउंड और ऊंचाई परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण इंजन की विश्वसनीयता और प्रदर्शन को साबित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
भारत की एयरोस्पेस आत्मनिर्भरता: एक नए युग की शुरुआत
कावेरी(Kaveri) डेरिवेटिव इंजन का विकास और परीक्षण भारत की एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह परियोजना न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगी, बल्कि देश को वैश्विक एयरोस्पेस बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी। इससे भारत को अन्य देशों पर निर्भरता कम करने और अपनी तकनीकी क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।
निष्कर्ष: भारत की तकनीकी प्रगति का प्रतीक
एयरो इंडिया 2025 में कावेरी डेरिवेटिव इंजन का प्रदर्शन भारत की तकनीकी क्षमताओं और आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है। यह इंजन न केवल घाटक UCAV के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है, बल्कि भारत की रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक भी है। इस उपलब्धि से भारत ने साबित कर दिया है कि वह अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को पूरा करने में सक्षम है।