
खुफिया एजेंसियाँ दुनिया भर में राष्ट्रीय सुरक्षा, जासूसी और गुप्त मिशनों की रीढ़ होती हैं। ये संगठन अदृश्य योद्धाओं की तरह काम करते हैं, जो देश के लिए खतरों को न केवल भाँपते हैं बल्कि उन्हें नष्ट भी कर देते हैं। कुछ एजेंसियाँ इतनी शक्तिशाली और रहस्यमय हैं कि उनके बारे में जानकारी मिलना भी मुश्किल होता है। आज हम दुनिया की 10 सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों के बारे में जानेंगे, जिनके नाम से ही दुश्मन देशों की रूह काँप जाती है।
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1. CIA (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) – अमेरिका की ‘शैडो आर्मी’
स्थापना: 1947
मुख्यालय: लैंगली, वर्जीनिया, यूएसए

सीआईए दुनिया की सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली खुफिया एजेंसी है। यह अमेरिकी सरकार को विदेशी खतरों के बारे में जानकारी देती है और गुप्त ऑपरेशन्स को अंजाम देती है। सीआईए का इतिहास कई विवादों से भरा है, जिसमें कई देशों में तख्तापलट, जासूसी और यहाँ तक कि हत्याएँ भी शामिल हैं।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- बे ऑफ पिग्स ऑपरेशन (1961) – क्यूबा में फिदेल कास्त्रो के खिलाफ विफल मिशन।
- 9/11 के बाद अल-कायदा के खिलाफ ऑपरेशन्स।
- ओसामा बिन लादेन का सफाया (2011)।
सीआईए के एजेंट्स दुनिया भर में गुप्त रूप से काम करते हैं और अक्सर ड्रोन स्ट्राइक्स, साइबर वॉरफेयर और प्रोपगैंडा में शामिल होते हैं।
2. Mossad (मोसाद) – इजरायल की ‘द हॉक्स ऑफ़ डेथ’
स्थापना: 1949
मुख्यालय: तेल अवीव, इजरायल

मोसाद को दुनिया की सबसे बेरहम और कुशल खुफिया एजेंसी माना जाता है। यह संगठन इजरायल की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। मोसाद के एजेंट्स ने दुनिया भर में फैले आतंकवादियों को टारगेट किया है और कई बार उन्हें मारकर इतिहास रचा है।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- ऑपरेशन विर्थ ऑफ गॉड (1972) – म्यूनिख ओलंपिक हमले के जिम्मेदार फिलिस्तीनी आतंकवादियों की हत्या।
- एडॉल्फ आइखमैन का अपहरण (1960) – नाजी युद्ध अपराधी को अर्जेंटीना से पकड़कर इजरायल लाना।
- स्टक्सनेट वायरस (2010) – ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए साइबर हमला।
मोसाद का आदर्श वाक्य है – “By way of deception, thou shalt do war” (छल से ही युद्ध लड़ो)।
3. R&AW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) – भारत का ‘साइलेंट किलर’
स्थापना: 1968
मुख्यालय: नई दिल्ली, भारत

रॉ (RAW) भारत की प्राथमिक विदेशी खुफिया एजेंसी है, जिसने पाकिस्तान, चीन और अन्य देशों के खिलाफ कई सफल गुप्त अभियान चलाए हैं। इसकी स्थापना 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद की गई थी, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (1971) – पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति वाहिनी को समर्थन देना।
- ऑपरेशन कहूटा (1980s) – पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की जासूसी।
- बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019) – पुलवामा हमले के बाद आतंकवादी ठिकानों पर हमला।
RAW के एजेंट्स अक्सर छद्म नाम और पहचान के साथ विदेशों में काम करते हैं।
4. MI6 (सिक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस) – ब्रिटेन का ‘शैडो गेम’
स्थापना: 1909
मुख्यालय: लंदन, यूके

MI6, जिसे SIS (Secret Intelligence Service) भी कहा जाता है, ब्रिटेन की विदेशी खुफिया एजेंसी है। यह जेम्स बॉन्ड फिल्मों की प्रेरणा है, लेकिन असल में इसका काम कहीं ज्यादा खतरनाक और गोपनीय होता है।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत संघ के खिलाफ जासूसी।
- 9/11 के बाद अल-कायदा के खिलाफ ऑपरेशन्स।
- रूसी जासूसों का पर्दाफाश (2018)।
MI6 का काम अक्सर साइबर वॉरफेयर, डबल एजेंट्स और हाई-टेक सर्विलांस से जुड़ा होता है।
5. GRU (मेन इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट) – रूस का ‘डेथ स्क्वॉड’
स्थापना: 1918
मुख्यालय: मॉस्को, रूस

GRU रूस की सबसे खतरनाक सैन्य खुफिया एजेंसी है। यह स्पेशल फोर्सेज, साइबर वॉरफेयर और असैन्य ऑपरेशन्स में माहिर है। GRU के एजेंट्स को अक्सर “अदृश्य सैनिक” कहा जाता है, क्योंकि वे बिना किसी पहचान के दुश्मन देशों में घुसकर हमला करते हैं।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- 2016 अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप।
- यूक्रेन संकट (2014) में रूसी स्पेशल फोर्सेज की भूमिका।
- स्क्रिपल जहर मामला (2018)।
GRU के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा साइबर हमला नेटवर्क चलाता है।
6. ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) – पाकिस्तान का ‘टेरर मास्टरमाइंड’
स्थापना: 1948
मुख्यालय: इस्लामाबाद, पाकिस्तान

ISI पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी है, जिस पर अक्सर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगता है। यह संगठन अफगानिस्तान, भारत और अन्य देशों में गुप्त ऑपरेशन्स चलाता है।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- सोवियत-अफगान युद्ध में मुजाहिदीन को समर्थन।
- कारगिल युद्ध (1999) की प्लानिंग।
- 26/11 मुंबई हमले में संलिप्तता के आरोप।
ISI को अक्सर “द स्टेट विदिन ए स्टेट” कहा जाता है, क्योंकि यह पाकिस्तान की राजनीति और सेना पर गहरा नियंत्रण रखता है।
7. BND (बुंडेसनाच्रिचेंडिएन्स्ट) – जर्मनी का ‘साइलेंट वॉचर’
स्थापना: 1956
मुख्यालय: बर्लिन, जर्मनी

BND जर्मनी की प्राथमिक खुफिया एजेंसी है, जो यूरोप में सबसे अधिक फंडिंग वाली इंटेलिजेंस एजेंसी है। यह आतंकवाद, साइबर हमलों और अंतर्राष्ट्रीय जासूसी पर नजर रखती है।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- कोल्ड वॉर के दौरान पूर्वी जर्मनी पर निगरानी।
- अमेरिकी NSA के साथ साइबर सर्विलांस प्रोग्राम्स।
8. DGSE (डायरेक्टोरेट जनरल फॉर एक्सटर्नल सिक्योरिटी) – फ्रांस का ‘शैडो आर्मी’
स्थापना: 1982
मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस

DGSE फ्रांस की विदेशी खुफिया एजेंसी है, जो कई गुप्त ऑपरेशन्स में शामिल रही है।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- ग्रीनपीस जहाज ‘रेनबो वॉरियर’ को डूबोना (1985)।
- अफ्रीका में फ्रांसीसी हितों की रक्षा के लिए गुप्त मिशन।
9. ASIS (ऑस्ट्रेलियन सिक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस) – ऑस्ट्रेलिया का ‘साइलेंट प्रोटेक्टर’
स्थापना: 1952
मुख्यालय: कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया

ASIS ऑस्ट्रेलिया की प्राथमिक खुफिया एजेंसी है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में सक्रिय है।
10. MSS (मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी) – चीन का ‘डार्क ड्रैगन’
स्थापना: 1983
मुख्यालय: बीजिंग, चीन

MSS चीन की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी है, जो दुनिया भर में जासूसी और साइबर हमले करती है।
प्रमुख ऑपरेशन्स:
- अमेरिकी कंपनियों से टेक्नोलॉजी चोरी करना।
- हॉन्ग कॉन्ग प्रोटेस्टर्स पर निगरानी।
निष्कर्ष
ये खुफिया एजेंसियाँ दुनिया की सुरक्षा और राजनीति को गहरे तक प्रभावित करती हैं। इनके कामकाज का बड़ा हिस्सा गोपनीय होता है, लेकिन जब ये सामने आती हैं, तो पूरी दुनिया इनकी ताकत देखकर दंग रह जाती है। क्या आपको लगता है कि इनमें से सबसे खतरनाक एजेंसी कौन सी है? कमेंट में बताएँ!
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